हुकम की सेवा
एक बार जब बाबाजी हांगकांग गए थे तो वहां लिफ्ट के सेवादार को हिदायत दी गयी की जब भी बाबाजी लिफ्ट में आये तो आपको लिफ्टमैन के जैसे रहना है ना तो आप बाबाजी को देखेंगे और ना ही उन्हें धन निरंकार करेंगे उस सेवादार ने लगातार 3 दिन उस हुकुम का पालन किया आखिरी दिन जैसे ही बाबाजी सत्संग ख़तम कर लिफ्ट से बहार निकल कर आगे चले गए तो उस सेवादार की आँखों में आंसू आ गए की 3 दिन मालिक मेरे साथ लिफ्ट में थे और मैं कितना बदनसीब हूँ की उनसे बात भी नहीं कर सका तभी उसने देखा की बाबाजी पलटकर आये और उसके सामने पूरा झुक कर उसे धन निरंकार जी कहा और कहा की आपकी सेवा से खुश हूँ !
जो बाबा जी का हुकुम मानते है बाबा उन्हे हर एक खुशी बखशस्ते है....!
जो बाबा जी का हुकुम मानते है बाबा उन्हे हर एक खुशी बखशस्ते है....!
धन निरंकार जी
Nirankari Duniya