Satguru Mata Savinder Hardev Ji Maharaj KI Jai Sad saNgat Ji Pyaar Se Kehna Dhan nirankar ji Iss Website mai apko Apne Mission Ke Sare Chije Dekhne Milegi aur agar na mile to aap niche comment karke daas ko batade to dass puri koshish karega vo suvitha ke liye Dhan Nirankar Ji

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Friday, May 18, 2018

2:22 AM

इस संसार में....



           सबसे बड़ी सम्पत्ति "बुद्धि "
           सबसे अच्छा हथियार "धेर्य"
  ऐसा नहीं है कि" दुःख" बढ़ गए है
बल्कि "सच्चाई" यह है कि
"सहनशीलता" कम हो गयी है
जिसको" सहना" आ गया
उसको" रहना" आ गया """
        सबसे अच्छी सुरक्षा "विश्वास"
           सबसे बढ़िया दवा "हँसी"
           और आश्चर्य की बात कि
            "ये सब निशुल्क हैं "
"कौन सी है वो चीज जो यहां"
"नहीं मिलती"
"सब कुछ मिलता है लिकेन माँ"
"नही मिलता "
"माँ ऐसी होती है दोसतों"
"जो जिंदगी में फिर" "नही मिलती"
"खुश रखा करो उस माँ को"
"फिर देखो जन्नत कहां"
"नही मिलती"
2:20 AM

कर्ज चुकाया जा नहीं सकता हरदेव तेरे एहसानों का..


नई दिल्ली में चल रहे
69वें निरंकारी संत समागम( 19-20-21नवंबर)में “सत्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज” को समर्पित कवि दरबार में शीर्षक
“कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।” ———————मेरी रचना———–
हँसमुख चेहरा,रूप नूरानी,प्यार भरी तेरी मुस्कानों का।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———–
बिन तेरे अब मेरे सत्गुरु ,मेरे इस जीवन का मोल नहीं;
बिना रूह के प्राण अधूरे,तुम संग सजे मन अरमानों का।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———-
रोम-रोम पुलकित हर जन का ,प्रेम स्नेह की धन- दौलत बख्शी;
नहीं जगत में कोई अपना ,बिन तेरे हम जैसे बेगानों का।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————
माटी की काया थी हमरी ,कंचन पारस तुम थे सत्गुरु;
भवसागर से पार उतारा,अनजान सफर हम अनजानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–
शरण “पूर्णिमा” सत्गुरु तेरी,अपने बचपन में ही आई है;
अपार अनंत असीम कृपा और आँगन सजा वरदानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–
…डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर(पंजाब)
20/11/16

कर्ज चुकाया जा नहीं सकता हरदेव तेरे एहसानों का..
जीवन तूने सवार दिया लाखो करोडो इंसानो का ...
जो भी आया शरन मे तेरी उसको सच का पाठ पढाया....
हिन्दू मुसलिम सिख ईसाई  सबको तूने गले लगया
अहंकार को दुर किया प्यार नम्रता  का पाठ पढाया
अब दुनिया में गेर ना कोई तेरी कृपा से समझ में आया 
पूर्ण आदर सतकार दिया तूने दर आये मेहमानो का
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता हरदेव तेरे एहसानों का..
  Dhan Nirankar Ji

Thursday, March 22, 2018

1:10 AM

मैने पुछा भगवान सेकैसे करूं तेरी पूजा


मैने पुछा भगवान से
कैसे करूं तेरी पूजा
भगवान बोले,
      
   तु खुद भी  मुस्कुरा
      औरो को भी मुस्कुराने
   की वजह दे
                                                                  बस हो गई मेरी पूजा
       

Wednesday, March 21, 2018

11:19 PM

हजारों गलतियां माफ़ करने वाले;



 फूल कभी दोबारा नहीं खिलते;
जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते;
मिलते है लोग हजारों पर ;
हजारों गलतियां माफ़ करने वाले;
मेरे सतगुरु जैसे नहीं मिलते।

 Dhan Nirankar Ji

12:20 AM

धन निरंकार जी



 
गुरू मत में ही चलकर हम भवसागर  से पार हो सकते  है और अपना वर्तमान  जीवन  भी सुहेला बना सकते  है गुरूमत में  अपने  आपको अर्थात  अहम को मिटा देना पडता है
               
मिटा दे अपने  हसती को अगर कुछ न मरते चाहे
दाना खाक मे  मिलकर  गुले गुलजार  होता है
  
साधसगंत  जी प्यार से कहना  धन निरंकार जी