नई दिल्ली में चल रहे
69वें निरंकारी संत समागम( 19-20-21नवंबर)में “सत्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज” को समर्पित कवि दरबार में शीर्षक
69वें निरंकारी संत समागम( 19-20-21नवंबर)में “सत्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज” को समर्पित कवि दरबार में शीर्षक
“कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।” ———————मेरी रचना———–
हँसमुख चेहरा,रूप नूरानी,प्यार भरी तेरी मुस्कानों का।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———–
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———–
बिन तेरे अब मेरे सत्गुरु ,मेरे इस जीवन का मोल नहीं;
बिना रूह के प्राण अधूरे,तुम संग सजे मन अरमानों का।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———-
बिना रूह के प्राण अधूरे,तुम संग सजे मन अरमानों का।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———-
रोम-रोम पुलकित हर जन का ,प्रेम स्नेह की धन- दौलत बख्शी;
नहीं जगत में कोई अपना ,बिन तेरे हम जैसे बेगानों का।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————
नहीं जगत में कोई अपना ,बिन तेरे हम जैसे बेगानों का।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————
माटी की काया थी हमरी ,कंचन पारस तुम थे सत्गुरु;
भवसागर से पार उतारा,अनजान सफर हम अनजानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–
भवसागर से पार उतारा,अनजान सफर हम अनजानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–
शरण “पूर्णिमा” सत्गुरु तेरी,अपने बचपन में ही आई है;
अपार अनंत असीम कृपा और आँगन सजा वरदानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–
अपार अनंत असीम कृपा और आँगन सजा वरदानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–
…डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर(पंजाब)
20/11/16
20/11/16
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता हरदेव तेरे एहसानों का..
जीवन तूने सवार दिया लाखो करोडो इंसानो का ...
जो भी आया शरन मे तेरी उसको सच का पाठ पढाया....
हिन्दू मुसलिम सिख ईसाई सबको तूने गले लगया
अहंकार को दुर किया प्यार नम्रता का पाठ पढाया
अब दुनिया में गेर ना कोई तेरी कृपा से समझ में आया
पूर्ण आदर सतकार दिया तूने दर आये मेहमानो का
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता हरदेव तेरे एहसानों का..
Dhan Nirankar Ji