एक घर मे पांच दिए जल रहे थे!एक दिन पहले दिए ने कहा!इतना जलकर भी मेरी रोशनी की लोगो को कोई कदर नही है!तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं!और वह दीया खुद को व्यर्थ समझ कर बुझ गया! जानते है!वह दिया कौन था!वह दीया था!उत्साह का प्रतीक!
एक घर मे पांच दिए जल रहे थे!एक दिन पहले दिए ने कहा!इतना जलकर भी मेरी रोशनी की लोगो को कोई कदर नही है!तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं!और वह दीया खुद को व्यर्थ समझ कर बुझ गया! जानते है!वह दिया कौन था!वह दीया था!उत्साह का प्रतीक!
यह देख दूसरा दीया जो शांति का प्रतीक था!कहने लगा!मुझे भी बुझ जाना चाहिए!निरंतर शांति की रोशनी देने के बावजूद भी लोग हिंसा कर रहे है!और शांति का दीया बुझ गया!
उत्साह और शांति के दीये बुझने के बाद!जो तीसरा दीया हिम्मत का था!वह भी अपनी हिम्मत खो बैठा और बुझ गया!
उत्साह शांति और अब हिम्मत के न रहने पर चौथे दीए ने बुझना ही उचित समझा!चौथा दीया समृद्धि का प्रतीक था! सभी दीए बुझने के बाद केवल पांचवां दीया अकेला ही जल रहा था!
उत्साह शांति और अब हिम्मत के न रहने पर चौथे दीए ने बुझना ही उचित समझा!चौथा दीया समृद्धि का प्रतीक था! सभी दीए बुझने के बाद केवल पांचवां दीया अकेला ही जल रहा था!
हालांकि पांचवां दीया सबसे छोटा था मगर फिर भी वह निरंतर जल रहा था!
तब उस घर मे एक लड़के ने प्रवेश किया!उसने देखा कि उस घर मे सिर्फ एक ही दीया जल रहा है!वह खुशी से झूम उठा ... चार दीए बुझने की वजह से वह दुखी नही हुआ बल्कि खुश हुआ!यह सोचकर कि कम से कम एक दीया तो जल रहा है!
उसने तुरंत पांचवां दीया उठाया और बाकी के चार दीए फिर से जला दिए!
तब उस घर मे एक लड़के ने प्रवेश किया!उसने देखा कि उस घर मे सिर्फ एक ही दीया जल रहा है!वह खुशी से झूम उठा ... चार दीए बुझने की वजह से वह दुखी नही हुआ बल्कि खुश हुआ!यह सोचकर कि कम से कम एक दीया तो जल रहा है!
उसने तुरंत पांचवां दीया उठाया और बाकी के चार दीए फिर से जला दिए!
जानते है!वह पांचवां अनोखा दीया कौन सा था!वह था उम्मीद का दीया!
इसलिए अपने घर मे अपने मन मे हमेशा उम्मीद का दीया जलाए रखिये!चाहे सब दीए बुझ जाए लेकिन उम्मीद का दीया नही बुझना चाहिए!ये एक ही दीया काफी है!बाकी सब दीयों को जलाने के लिए!
इसलिए अपने घर मे अपने मन मे हमेशा उम्मीद का दीया जलाए रखिये!चाहे सब दीए बुझ जाए लेकिन उम्मीद का दीया नही बुझना चाहिए!ये एक ही दीया काफी है!बाकी सब दीयों को जलाने के लिए!
क्योंकि हमारे आज में जो उम्मीद जगती है!वही उम्मीद हमारे भविष्य का निर्माण करती है---!!!!!