Satguru Mata Savinder Hardev Ji Maharaj KI Jai Sad saNgat Ji Pyaar Se Kehna Dhan nirankar ji Iss Website mai apko Apne Mission Ke Sare Chije Dekhne Milegi aur agar na mile to aap niche comment karke daas ko batade to dass puri koshish karega vo suvitha ke liye Dhan Nirankar Ji

News

Thursday, April 19, 2018

मिशन शहंशाह जी वाला होना चाहिए.!

मिशन शहंशाह जी वाला होना चाहिए.!



"आजकल इस बात को दोहराया जा रहा है...!
"सभी की जुबान पर बस एक ही बात लगभग होती है...!,
"मिशन शहंशाह जी वाला होना चाहिए....!
"बाबा अवतार सिंह जी महाराज  वाला होना चाहिए...!

 "मगर होगा कैसे" .......?
"मेरा हर "किर-दार" इतना असर-दार हो जाए...!"
मुझे जानने वाला, हर कोई "खबर-दार" हो जाए...!"
"की- ये "जी" रहा है, जिसकी रह-नुमाई से...!"
"उसके "दी-दार" का हर कोई "तलब-गार" हो जाए...!
इसके लिए शहंशाह जी के बारे में जानना बहुत जरूरी है, कि उनके जीवन में ज्ञान कैसे आया...?
"ज्ञान लेने के पहले उनका जीवन कैसा था..? ज्ञान के बाद उन्होंने कैसा जीवन जिया..? सतगुरु बाबा बूटा सिंह जी के प्रति समर्पण कैसा था..? उनका गुरु के प्रति विश्वास कैसा था..?
" विपरीत परिस्तिथियों में भी गुरु पर उनका अटूट विश्वास था...
"अवतार बाणी" शहंशाह जी का अनुभव है...!"
उन्होंने अपना अनुभव लिखा है...!"
"अवतार वाणी हम पढ़ते तो हैं लेकिन "कर्म" में इस्तेमाल कितना करते हैं...?
ये सोचना होगा...?
"शहंशाह"... आखिर "शहंशाह" कैसे बने ..?
"चिंता तो सतनाम की, और ना चितवे दास...!
"जो कुछ चितवे नाम बिन, सोई काल की फाँस...!!
"चाह गई, चिंता गई, मनवा बेपरवाह....! जिसको कुछ नहीं चाहिए, सो जन



.....शहंशाह जी.....


  • बाबा अवतार सिंह के जमाने में लेट कर, "दण्डवत प्रणाम" करके "धन निरंकार" जी "श्रद्धा भाव विश्वास" के साथ की जाती थी केवल घुटनों तक नहीं...!!
  • धन निरंकार जी पूरा बोला जाता था वो भी बड़े प्यार और भाव के साथ...!
  • "निरंकार" की अनुभूति के साथ धन निरंकार जी होती थी और प्यार उमड़ पड़ता था...!
  • शहंशाह के जमाने में गुरुसिख जहाँ भी जाते या इकट्ठे होते थे, तो केवल गुरु निरंकार की चर्चा होती थी। अपना अनुभव बाँटते थे। दुनियादारी की बातें नहीं होती थी...!
  • शहंशाह.का जमाना, शहंशाह वाला मिशन, सतगुरु के प्रति अटूट विश्वास और समर्पण वाला मिशन था...!
  • आज हमारा कर्म क्या... शहंशाह जी जैसा है...?
  • क्या हमारा विश्वास शहंशाह जी जैसा है....?
  • क्या हमारे दिल में प्यार शहंशाह जी जैसा है....
  • क्या हमारा समर्पण शहंशाह जी के जैसा है....?
  • क्या सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के सपने को हम पूरा कर पायेंगे ...?
  • इस लिए तभी तो वो युग आऐगा,,,जब हम आज के पैगंबर सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज जी के वचनो को अपने कर्म रूप मे ढाल पायेगे ।
  • इस लिऐ सतगुरू माता जी कहते है कि
  • अब प्रचार तो बहुत होता है लेकिन कर्म रूपी प्रचार की बहुत जरूरत है।
  • ये सब सोचना होगा और वही करना होगा जो शहंशाह जी ने किया...
तभी शहंशाह जी वाला मिशन होगा...

Tuhi be Nirankar...
Main Teri Sharan Haan...
Mainu Baksh Lo Ji...